Devara Part 1 Review : एक नई तेलुगु फिल्म की समीक्षा

Devara : जूनियर एनटीआर की नई फिल्म Devara Part 1 ने एक लंबे इंतजार के बाद सिनेमा घरों में दस्तक दी है। 300 करोड़ के बजट से बनी इस फिल्म का विषय एक बहुत ही दिलचस्प कहानी पर आधारित है, जिसमें पिता और पुत्र के बीच का संघर्ष, सामुदायिक कलह, और व्यक्तिगत पहचान की खोज शामिल है। लेकिन क्या यह फिल्म अपनी उम्मीदों पर खरा उतरती है? आइए, जानते हैं।

Devara : कहानी की रूपरेखा

देवरा‘ की कहानी 1996 के क्रिकेट वर्ल्ड कप से शुरू होती है, जहाँ पुलिस एक गैंगस्टर की तलाश में है। यह पुलिस जांच एक तटीय शहर, रत्नागिरी में ले जाती है। यहां पर दर्शकों को कहानी के मुख्य पात्रों और उनकी जटिलताओं से मिलवाया जाता है। फिल्म के शुरुआती दृश्यों में एक गहरी रुचि होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह अपनी गति खोने लगती है।

फिल्म में चार गांवों की कहानी है, जो अलग-अलग क्लानों द्वारा नियंत्रित होते हैं। प्रत्येक गांव का अपना एक पुराना गौरव है, लेकिन समय के साथ ये सभी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं। कहानी में कई गहरे सवाल हैं, लेकिन निर्देशक कोराताला शिव ने उन्हें हल करने में असमर्थता दिखाई है।

अभिनय और निर्देशन

Jr. NTR ने इस फिल्म में पिता (देवरा) और पुत्र (वारा) दोनों का किरदार निभाया है। हालांकि, फिल्म के कुछ महत्वपूर्ण क्षणों में उनकी एक्टिंग प्रभावित नहीं कर पाई। उनकी शारीरिक भिन्नता और पात्र की अपेक्षाओं के बीच का अंतर स्पष्ट होता है।

दूसरी ओर, सैफ अली खान ने खलनायक भैरा के रूप में प्रभावी प्रदर्शन किया है। जबकि अन्य सहायक कलाकारों जैसे ज़रीना वाहब, कलैयारासन, और अन्य को पर्याप्त समय नहीं मिल सका। यह दर्शकों के लिए निराशाजनक हो सकता है, क्योंकि इन सभी का टैलेंट ज्यादा दिखाने का मौका नहीं मिला।

Jr. NTR की एक्टिंग में कोई कमी नहीं है, लेकिन मैन ऑफ मासेज का टाइटल उन्हें वो प्रभाव नहीं देता जो दर्शकों ने आरआरआर के बाद उम्मीद की थी। जानवी कपूर का रोल फिल्म में नगण्य है, जिसे दर्शकों ने नजरअंदाज कर दिया।

तकनीकी पहलू

फिल्म की एक बड़ी खासियत इसके एक्शन सीन्स हैं, जो बेहद खूबसूरती से फिल्माए गए हैं। आर्ट डायरेक्टर निरव शाह और सिनेमेटोग्राफर रत्नवेलु ने फिल्म के दृश्य को शानदार बनाया है, जो दर्शकों को सम्मोहित करते हैं। हालांकि, पटकथा की कमजोरी इस भव्यता को प्रभावित करती है।

संवाद और लेखन

फिल्म के संवाद बहुत ही सामान्य हैं, और कई जगहों पर ये कन्फ्यूजन पैदा करते हैं। विशेष रूप से, Devara का अपनी गलतियों को समझना और फिर अचानक उनके खिलाफ खड़ा होना एक साधारण मोड़ लगता है। यह सब बहुत तेजी से और मजबूरी में दिखाया गया है, जिससे कहानी का प्रवाह बाधित होता है।

Devara Part 1 एक औसत फिल्म है, जो अपने भव्य दृश्यों और एक्शन सीन्स के लिए जानी जाएगी। लेकिन इसकी कमजोर पटकथा और प्रेडिक्टेबल प्लॉट इसे एक बड़ी सफल फिल्म बनाने में असमर्थ रखती है। इसे एक बार देखना ठीक है, लेकिन उम्मीदें ज्यादा नहीं रखनी चाहिए। कुल मिलाकर, फिल्म को 5 में से 2 स्टार मिलते हैं। अंडरवाटर सीन और अनिरुद्ध का बैकग्राउंड म्यूजिक कुछ खास है, लेकिन कहानी की पुरानी शैली और कुछ किरदारों का अपर्याप्त प्रेजेंस इसे नीचे लाते हैं।

यदि आप एक बार मनोरंजन की तलाश में हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक विकल्प हो सकती है, लेकिन इसकी कमी भी साफ नजर आती है। ‘देवरा’ ने एक नए प्रयोग की कोशिश की है, लेकिन इसे प्रभावी रूप से लागू करने में कमी रह गई है।

Devara ने तेलुगु सिनेमा में कुछ नया करने की कोशिश की है, लेकिन दर्शकों की अपेक्षाओं को पूरा करने में असफल रही है। हमें उम्मीद है कि अगले भाग में कहानी और बेहतर होगी।

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