Bigg Boss में हुए टाइम गॉड टास्क ने दर्शकों को एक शानदार रणनीति का नजारा दिया, जिसमें करण ने अपनी चतुराई से सभी को चौंका दिया। इस टास्क के माध्यम से करण ने यह साबित कर दिया कि खेल में मानसिक दृढ़ता और रणनीतिक दृष्टिकोण कितना अहम है। आइए जानते है इस बार के टाईम गॉड टास्क के बारे में विस्तार से।
टाईम गॉड टास्क का प्रारूप
इस टास्क में Bigg Boss घर के सदस्यों को बीबी करेंसी इकट्ठा करनी थी। जिनके पास सबसे ज्यादा करेंसी होती, वे टाईम गॉड के दावेदार बनते। यह स्थिति न केवल ताकतवर खिलाड़ियों को सामने लाने वाली थी, बल्कि टीमों के बीच विभाजन को भी स्पष्ट कर रही थी।
टास्क में दो मुख्य खेमे थे:
- करण, दिग्विजय, श्रुतिका, और शिल्पा का ग्रुप।
- अविनाश, ईशा, और अन्य सदस्यों का ग्रुप।
करण की शुरुआती रणनीति
Karan ने शुरू से ही इस टास्क को एक मानसिक खेल के रूप में देखा। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर योजना बनाई कि इस टास्क में जीतने के लिए केवल अपने समूह को मजबूत करना काफी नहीं होगा। इसके बजाय, उन्होंने विरोधी खेमे में भ्रम पैदा करने की योजना बनाई।
करण ने अफवाह फैलाई कि उनके साथी – Shrutika , Shilpa और Digvijay – अपनी सारी करेंसी करण को देने वाले हैं। इस अफवाह ने विरोधी खेमे में हलचल मचा दी।
अफवाह का असर
करण की इस अफवाह ने विरोधी खेमे को एक असमंजस में डाल दिया। Eisha, जो चुगली करने में माहिर मानी जाती हैं, ने इस खबर को और फैलाया। उन्होंने बताया कि करण को सपोर्ट देने के लिए पूरी योजना बनाई जा रही है।
इस अफवाह का सीधा असर यह हुआ कि विरोधी खेमे ने अपनी रणनीति बदल दी। उन्होंने फैसला किया कि Avinash को सारा सपोर्ट दिया जाए, ताकि वह करण को हराकर टाइम गॉड बने।
लेकिन करण की असली योजना तो यही थी। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि विरोधी खेमे के बाकी सदस्य कमजोर हो जाएं और केवल अविनाश को मजबूत बनाया जाए।
करण की मास्टरस्ट्रोक चाल
जब विरोधी खेमे ने अविनाश को सारा सपोर्ट देना शुरू किया, करण ने अपने खेमे में नई रणनीति बनाई। उन्होंने तय किया कि वे खुद टाइम गॉड बनने की बजाय, अपनी टीम के अन्य सदस्यों को इस दौड़ में आगे करेंगे।
करण और दिग्विजय ने अपने ऊपर ध्यान न देकर श्रुतिका और चुम को मजबूत किया। इसका नतीजा यह हुआ कि करण के खेमे के दो सदस्य सीधे Bigg Boss टाइम गॉड के दावेदार बन गए।
अविनाश की स्थिति
अविनाश को भले ही सबसे ज्यादा करेंसी मिली, लेकिन करण की रणनीति ने उसे कमजोर कर दिया। विरोधी खेमे ने अपनी पूरी ताकत अविनाश पर लगा दी, जबकि बाकी सदस्य कमजोर रह गए।
करण की चाल का असर यह हुआ कि अविनाश को सबसे मजबूत दिखाने के चक्कर में विरोधी खेमे ने खुद को कमजोर बना लिया।
करण की टीम का फायदा
करण ने अपनी टीम को इस तरह से सेट किया कि उनके खेमे से दो दावेदार – श्रुतिका और चुम – टाइम गॉड के लिए चुने गए।
करण और दिग्विजय ने खुद को बलिदान करके अपनी टीम के अन्य सदस्यों को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। यह एक बहुत ही चतुराई भरा कदम था, क्योंकि इससे करण की टीम में संतुलन बना और विरोधी खेमे में असंतुलन आ गया।
दर्शकों पर प्रभाव
करण की यह चाल दर्शकों को खासा प्रभावित कर सकती है। उन्होंने न केवल अपने खेल को मजबूत किया, बल्कि विरोधी खेमे को भी कमजोर कर दिया।
Bigg Boss में अक्सर ऐसा होता है कि जो खिलाड़ी अपनी टीम के हित में बलिदान करता है, उसे दर्शक पसंद करते हैं। करण की इस रणनीति ने उन्हें एक समझदार और कुशल खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर दिया है।
भविष्य की संभावनाएं
करण की यह चाल न केवल उनकी टीम को फायदा पहुंचाएगी, बल्कि उन्हें Bigg Boss दर्शकों का समर्थन भी दिलाएगी। हालांकि, विरोधी खेमे के सदस्य इस बात से नाराज हो सकते हैं और अगली बार करण के खिलाफ प्लानिंग कर सकते हैं।
करण बनाम अविनाश: आगे की लड़ाई
करण और अविनाश के बीच टकराव अब और दिलचस्प हो गया है। अविनाश को सबसे ज्यादा करेंसी देकर मजबूत बनाया गया, लेकिन करण की योजना ने उसे अकेला कर दिया।
आने वाले टास्क में यह देखना दिलचस्प होगा कि करण और अविनाश के बीच यह टक्कर कैसे आगे बढ़ती है।
टाइम गॉड टास्क ने यह साबित कर दिया कि Bigg Boss शो में सिर्फ शारीरिक ताकत नहीं, बल्कि मानसिक कौशल भी जरूरी है। करण की इस मास्टरमाइंड रणनीति ने उन्हें गेम का एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है।
उन्होंने न केवल अपने खेमे को मजबूत किया, बल्कि विरोधियों को भ्रमित कर अपनी योजना को सफल बनाया। इस चाल ने साबित कर दिया कि करण एक सोच-समझकर चलने वाले खिलाड़ी हैं, जिनसे बाकी सदस्यों को सावधान रहना होगा।
क्या आप करण की इस रणनीति से सहमत हैं? क्या यह उन्हें जीत के और करीब ले जाएगी? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं!
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