ADHD : हाल ही में बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री आलिया भट्ट ने द लल्लनटॉप के साथ एक इंटरव्यू में अपने ध्यान अभाव/अतिसक्रियता विकार (ADHD) के बारे में खुलासा किया। आलिया, जो अपनी बहुआयामी भूमिकाओं और आकर्षक प्रदर्शनों के लिए जानी जाती हैं, ने साझा किया कि इस निदान ने उनके जीवन और काम को कैसे प्रभावित किया है।
आजकल के बच्चों में चंचलता एक सामान्य समस्या बनती जा रही है। कई माता-पिता और शिक्षक इसे सामान्य व्यवहार समझते हैं, लेकिन कभी-कभी यह ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) का संकेत हो सकता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि एडीएचडी क्या है, इसके लक्षण, निदान और उपचार के तरीके।
ADHD क्या है?
ADHD एक न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है जो बच्चों में ध्यान की कमी, हाइपरएक्टिविटी और इंपल्सिविटी के लक्षणों के साथ होता है। यह समस्या बच्चों के सामाजिक, शैक्षणिक और व्यवहारिक जीवन पर असर डाल सकती है। ADHD के लक्षण आमतौर पर 12 वर्ष की उम्र से पहले प्रकट होते हैं और यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ADHD के लक्षण
एडीएचडी के तीन प्रमुख लक्षण हैं:
- ध्यान की कमी:
- बच्चे काम पर ध्यान नहीं दे पाते हैं।
- छोटी-छोटी गलतियाँ करते हैं।
- काम पूरा करने में समय लगाते हैं।
- हाइपरएक्टिविटी:
- बच्चा स्थिर नहीं बैठ पाता।
- वह लगातार दौड़ता-भागता रहता है या कूदता है।
- बात करने में अत्यधिक सक्रिय होता है।
- इंपल्सिविटी:
- वह दूसरों की बातों में हस्तक्षेप करता है।
- जल्दी निर्णय लेता है बिना सोच-विचार के।
- किसी भी चीज का इंतजार नहीं कर पाता।
ADHD का निदान
एडीएचडी का निदान सरल नहीं होता। इसके लिए एक विस्तृत प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। इसमें निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- मेडिकल हिस्ट्री: चिकित्सक बच्चे के विकास और व्यवहार के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं।
- मूल्यांकन: विभिन्न मानक परीक्षणों का उपयोग करके बच्चे के व्यवहार का मूल्यांकन किया जाता है।
- क्राइटेरिया: DSM-5 (डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर) में उल्लिखित मानकों का पालन करते हुए लक्षणों का मूल्यांकन किया जाता है।
एडीएचडी के कारण
ADHD के कारण पूर्ण रूप से समझे नहीं गए हैं, लेकिन यह मानना है कि यह जेनेटिक, पर्यावरणीय और न्यूरोलॉजिकल कारकों का संयोजन हो सकता है। कुछ संभावित कारणों में शामिल हैं:
- जेनेटिक्स: परिवार में एडीएचडी की मौजूदगी इस समस्या के होने की संभावना बढ़ा सकती है।
- पर्यावरणीय कारक: गर्भावस्था के दौरान शराब या नशीली दवाओं का सेवन, जन्म के समय समस्याएँ आदि।
- न्यूरोलॉजिकल कारण: मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में असामान्य गतिविधियाँ।
एडीएचडी का उपचार
ADHD का उपचार विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है:
- मेडिकेशन:
- दवाइयाँ जैसे स्टिमुलेंट्स (मिथाइलफेनिडेट, एम्फेटामाइन) और नॉन-स्टिमुलेंट्स का उपयोग किया जाता है। ये दवाइयाँ मस्तिष्क में केमिकल संतुलन बनाने में मदद करती हैं।
- थेरेपी:
- व्यवहार चिकित्सा, परिवार चिकित्सा, और संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा (CBT) का उपयोग किया जा सकता है। ये बच्चे के व्यवहार को समझने और सुधारने में मदद करती हैं।
- शिक्षण रणनीतियाँ:
- स्कूल में विशेष शिक्षण विधियाँ, जैसे की छोटी कक्षाएँ और व्यक्तिगत ध्यान, बच्चों को मदद कर सकते हैं।
- पैरेंटिंग तकनीक:
- माता-पिता को एडीएचडी के लक्षणों को समझने और प्रबंधन करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है।
ADHD एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, लेकिन सही निदान और उपचार के साथ, बच्चे को अपनी क्षमताओं को पूरी तरह से विकसित करने का अवसर मिल सकता है। माता-पिता, शिक्षक और चिकित्सकों का सहयोग इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है। यदि आपको अपने बच्चे में एडीएचडी के लक्षण दिखते हैं, तो किसी विशेषज्ञ से संपर्क करना न भूलें। सही समय पर मदद मिलने से आपके बच्चे की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
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