Waqf Board Bill : वफ्फ संशोधन बिल आज संसद में पेश किया | जिसके तहत बोर्ड में संसोधन किया जायेगा | इसमें बोर्ड में महिला सदस्य शामिल किये जाएंगे , साथ ही संपत्ति पर वक़्फ़ के अधिकार सम्बन्धी कानून पर नियंत्रण के लिए ये बिल लाया गया हैं | Waqf Board Bill पेश करने के बाद संसद में विपक्षी सांसदों ने विरोध भी जताया | सबने अपने अपने तर्क रखे |
Waqf Board में अब महिलाएं भी बोर्ड में शामिल की जाएंगी , और वक्फ संपत्तियों का जिला प्रशासन के यहां पंजीयन अनिवार्य किया जाएगा | अदालतों को यह हक दिया जाएगा कि वह तय कर सकें कि अमुक संपत्ति वक्फ की है या नहीं | वक्फ और वक्फ संपत्तियों को लेकर हिंदुस्तान में गाहे बगाहे चर्चा होती रहती है , आपको वह विवाद भी याद होगा जब यह बहस चल पड़ी थी कि ताजमहल वक्फ संपत्ति है या नहीं | यदा कदा किसी मुस्लिम धर्म स्थल से जुड़े विवादों में भी सबसे पहले यही तय किया जाता है कि अमुक इमारत वक्फ की है या नहीं , और अब तो Waqf Board एक्ट में ही बदलाव की बात चल पड़ी है |
Waqf Board क्या हैं ?
हम में से ज्यादातर लोगों ने वक्फ सुना तो है लेकिन जानते नहीं है कि वक्फ होता क्या है ? किसी मस्जिद या दूसरे धर्मस्थल के वक्फ होने का मतलब क्या है और क्या Waqf Board में तब्दीली का असर मुस्लिम धर्म स्थलों के स्टेटस पर पड़ सकता है चूंकि भारत में रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद सबसे बड़ा भूस्वामी वक्फ बोर्ड ही है | सबसे ज्यादा जमीनें उन्हीं के पास हैं |
वक्फ अरबी भाषा के वक़ूफ़ा शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है ठहरना | इसी से वक्फ बना , वक्फ एक ऐसी संपत्ति होती है जो जन कल्याण को समर्पित हो , इस्लाम के मुताबिक वक्फ दान का ही एक तरीका एक तरह का दान है | देने वाला चल या अचल संपत्ति दोनों तरह की संपत्ति दान कर सकता है , यानी एक साइकिल से लेकर एक बहुमंजिला इमारत कुछ भी वक्फ हो सकता है | बशर्ते वो जन कल्याण के मकसद से दान किया गया हो ,ऐसे दानदाता को कहा जाता है वाकिफ | वाकिफ यह तय करता है कि जो दान दिया गया है उसका या उससे होने वाली आमदनी का इस्तेमाल कैसे होगा |
उदाहरण के लिए कोई वाकिफ ये कह सकता है ये शर्त रख सकता है कि अमुक वक्फ से होने वाली कमाई गरीबों पर ही खर्च हो | मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद के समय 600 खजूर के पेड़ों का एक बाग बनाया गया था जिससे होने वाली आमदनी से मदीना के गरीब लोगों की मदद की जाती थी , वक्फ के सबसे पहले एक उदाहरणों में से एक है अरबी भाषा और संस्कृति की पढ़ाई के लिए सबसे उम्दा मानी जाती है मिस्र की राजधानी काहिरा में स्थित अल अजहर यूनिवर्सिटी ये 10वीं सदी में बनी थी और यह भी एक वक्फ है |
भारत में इस्लाम की आमद के साथ यहां भी वक्फ के उदाहरण मिलने लगे , दिल्ली सल्तनत के वक्त से वक्फ संपत्तियों का लिखित जिक्र मिलने लगता है , उस जमाने में क्योंकि ज्यादातर संपत्ति बादशाह के पास ही होती थी , इसलिए प्रायः वही वाकिफ होते थे और वक्फ कायम करते थे , जैसे कई बादशाहों ने मस्जिदें बनवाई वो सारी वक्फ हुई और उनके प्रबंधन के लिए स्थानीय स्तर पर इंतजाम कमेटी बनती रही | 1947 में आजादी के बाद पूरे देश में पसरी वक्फ संपत्तियों के लिए एक स्ट्रक्चर बनाने की बात हुई | इसी तरह साल 1954 में संसद ने वक्फ एक्ट 1954 पास किया इसी के नतीजे में वक्फ बोर्ड बना ,यह एक ट्रस्ट था |
जिसमें बहुत सारी वक्फ संपत्तियां आ गई | 1955 में यानी कानून लागू होने के अगले साल इस कानून में संशोधन कर राज्यों के लेवल पर Waqf Board बनाने का प्रावधान किया गया कि , हर राज्य में वक़्फ़ बनाए जाए , इसके बाद साल 1995 में नया वक्फ बोर्ड आया और 2013 में इसमें संशोधन किए गए |
#BudgetSession2024
— SansadTV (@sansad_tv) August 8, 2024
Minority Affairs Minister @KirenRijiju introduces The Mussalman Wakf (Repeal) Bill, 2024 in #LokSabha@MOMAIndia @ombirlakota @LokSabhaSectt pic.twitter.com/hdrTJbbA8L
इस एक्ट में फिलहाल जो व्यवस्था है वो इन्हीं कानूनों और संशोधनों के तहत चल रही है | प्रायः मुस्लिम धर्मस्थल वक्फ बोर्ड एक्ट के तहत ही आते हैं लेकिन इसके अपवाद भी हैं जैसे यह कानून अजमेर शरीफ दरगाह पर लागू नहीं होता इस दरगाह के प्रबंधन के लिए दरगाह ख्वाजा साहिब एक्ट 1955 बना हुआ है |
बाकी वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन कुछ इस तरह से होता है , Waqf Board संपत्तियों के एडमिनिस्ट्रेशन के लिए सेंट्रल वक्फ कॉउंसल है , यह भारत सरकार को वक्फ से जुड़े मुद्दों पर सलाह देती है , राज्यों के स्तर पर राज्य सरकारें वक्फ बोर्ड्स को नोटिफाई करती हैं इसमें दो तरह के बोर्ड्स बनाने का अधिकार दिया गया है एक सुन्नी वक्फ बोर्ड और एक दूसरा शिया वक्फ बोर्ड है |
आदर्श स्थिति में Waqf Board की संरचना कुछ ऐसी ही होती -एक चेयरमैन होते हैं उसमें इसके अलावा दो मेंबर राज्य सरकार नियुक्त करती है जिसमें आमतौर पर एक मुस्लिम विधायक और एक मुस्लिम सांसद इसके अलावा मुस्लिम टाउन प्लानर , एक मुस्लिम अधिवक्ता और मुस्लिम बुद्धिजीवी भी शामिल होते हैं | बोर्ड में सर्वे कमिशनर भी होता है जो संपत्तियों का लेखाजोखा रखता है सभी मेंबर्स का टेन्योर 5 साल का होता है |
वक्क बोर्ड के इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से एक मुस्लिम आईएएस अधिकारी को भी बोर्ड का मेंबर बनाया जाता है | यह बोर्ड का सीईओ यानी बोर्ड का एग्जीक्यूटिव ऑफिसर होता है ,यह बोर्ड के फैसलो को इंप्लीमेंट करता है और Waqf Board के अधीन आने वाली प्रॉपर्टी का इंस्पेक्शन भी करता है |
Waqf Board एक्ट 1995 के सेक्शन 40 के मुताबिक अगर Waqf Board को लगता है कि किसी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड का हक है तो Waqf Board स्वतः संज्ञान लेते हुए उसके बारे में जानकारी इकट्ठी कर सकता है और वक्फ बोर्ड खुद संपत्ति की इंक्वायरी करता है और उस पर फैसला सुनाता है |
Waqf Board एक्ट में केंद्र सरकार करीब 40 संशोधन करना चाहती है मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड में महिलाओं के पार्टिसिपेशन को बढ़ाने पर जोर होगा और साथ ही वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से जुड़ी ताकत पर भी कंट्रोल करने की बात है सबसे ज्यादा विवाद इसी बात को लेकर है |
Waqf Board के पास पूरे देश में अकूत संपत्तियां हैं भारत में Waqf Board के पास कुल 8,72,292 संपत्तियां हैं | यह गिनती है उनकी जो मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन में फैली हैं इनमें से कई इमारतें भारत के लिए सांस्कृतिक धरोहर की तरह हैं कुछ वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद भी चले आ रहे हैं , बवाल चले आ रहे हैं ऐसे में सरकार वक्फ बोर्ड में जो भी बदलाव करेगी उसे बहुत बारीक नजर से देखा जाएगा |
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