Sheikh Hasina : शेख हसीना ने छोड़ा अपना देश ,आखिर क्यों?

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina अपने पद से इस्तीफा दे दिया हैं । उनके पार्टी कार्यालय में आग लगा दी गई हैं । ढाका की सड़को पर व्यापक स्तर पर आंदोलन चल रहा हैं । 2009 से शेख हसीना बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज हैं । शेख हसीना को पद से इस्तीफा देना पड़ा साथ ही विरोध के चलते देश छोड़ना पड़ा ।

Sheikh Hasina बांग्लादेश छोड़ के अभी भारत में हैं , उनके देश छोड़ने के बाद से ही बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास पर उपद्रवियों ने अंदर घुसकर लूटपाट और उत्पात मचा रखा हैं । ये वही सरकारी आवास है , जहां शेख हसीना 2009 से रह रही थी ।

Sheikh Hasina को आखिर क्यों छोड़ना पड़ा बांग्लादेश

आरक्षण के मुद्दे की वजह से बांग्लादेश में हिंसा भड़क रही हैं जो इतना ज्यादा बढ़ चुकी हैं कि आज वहा की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina को अपना ही देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा । अपनी सुरक्षा के दृष्टिकोण से उन्होंने बांग्लादेश छोड़ दिया और भारत आ गई । जानकारी के अनुसार शायद वो लंदन जा सकती हैं ।

दरअसल 5 जून को बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने बांग्लादेश सरकार के एक पुराने फैसले को पलटते हुए आरक्षण को बरक़रार रख दिया था ,एक ऐसा आरक्षण जिसमें बांग्लादेश सरकार के बनाते समय 1971 में जो बांग्लादेश सरकार के समर्थक रहे थे उन्हें रिजर्वेशन बरकरार रख दिया था | आसान भाषा में बांग्लादेश में रिजर्वेशन के खिलाफ जनता का उतरने के लिए 5 जून की वह तारीख सबसे अहम थी जब यहां की कोर्ट ने फैसला दिया कि आरक्षण लागू रहेगा |

Bangladesh Protest
Bangladesh Protest

यहां के स्टूडेंट्स आरक्षण के खिलाफ थे | उन्होंने सरकार से कहा कि जो आरक्षण आप अपनों को देने की प्लानिंग कर रहे हैं , उसे खत्म करिए और केवल आरक्षण अगर देना है तो अल्पसंख्यकों के लिए या फिर उन्हें , जिनके लिए आपको मतलब जनता डिसाइड करेगी |

आरक्षण पर विद्यार्थी अड़े हुए थे , बांग्लादेश सरकार की सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पालन करवाना मजबूरी थी , कोर्ट के फैसले की पालन में स्टूडेंट प्रोटेस्ट को होते हुए देखा और देख कर के प्रयास किया कि इस प्रोटेस्ट को रोका जाए | जून में हुआ यह फैसला जून के अंतिम सप्ताह में बहुत जोर पकड़ने लगा जबरदस्त तरीके से स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटीज में प्रोटेस्ट प्लान करने लगे | जुलाई में यूनिवर्सिटीज के अंदर में जबरदस्त प्लानिंग की जाती है कि आरक्षण के विरोध में प्रोटेस्ट किया जाएगा |

असल मायने में आरक्षण एक बहाना था असली लड़ाई बांग्लादेश में Sheikh Hasina की सरकार से थी | असल मायने में Sheikh Hasina तीन बार से लगातार पीएम हैं 2009 से 2024 तक , और उससे पहले भी वह 5 साल पहले से लेकर वह लगातार यहां की पीएम रही हैं |

1971 में Sheikh Hasina के पिता मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में बांग्लादेश की सत्ता बनी थी ,सरकार बनी थी | ऐसे में Sheikh Hasina का सरकार में बने रहना लगातार 15 साल से लोगों के अंदर एक रोश पैदा कर रहा था रोश पैदा होने की एक और बड़ी वजह थी , वो थे हाल ही के चुनाव | जब अपोजिशन के अंदर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने चुनाव से इंकार कर दिया था , क्योंकि अंतरिम सरकार के बिना ही चुनाव करा लिए गए थे |

बांग्लादेश का सिस्टम है कि यहां पर जब इलेक्शन कराए जाते हैं तो इलेक्शन से पहले सत्तारूढ़ पार्टी भी अपने पद से पीछे हट जाती है | अंतरिम पीएम नियुक्त किया जाता है और फिर उनकी प्रेजेंस में चुनाव करवाया जाता है |

लेकिन Sheikh Hasina ने अंतरिम सरकार का प्रावधान नहीं रखा , इसके चलते अपोजिशन चुनाव में ही नहीं उतरा , Sheikh Hasina अपनी तरफ से चुनाव में उतरी , बिना विपक्ष के लड़े चुनाव में मेजॉरिटी सीट जीती और जीत कर प्रधानमंत्री बन गई | इस बात की बांग्लादेश में बहुत बुराई हुई , कहा गया कि बांग्लादेश को ऐसा करने के लिए भारत उकसा रहा है |

इसकी बड़ी कहानी थी , असल मायने में बांग्लादेश को 1971 में आजाद करवाने वाला भारत ही था | भारत के द्वारा ही बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी को सपोर्ट किया गया था | असल में बांग्लादेश 1971 से पहले पूर्वी पाकिस्तान हुआ करता था वह असल में भारत का हिस्सा नहीं था , लेकिन 1971 में पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच बढे संघर्ष को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के द्वारा तत्कालीन रूप से बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी सेना को प्रमोट किया गया और उनको सपोर्ट किया गया | परिणाम यह निकला कि बांग्लादेश में मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में पाकिस्तान के खिलाफत बगावत हुई और एक नया देश बनकर आया , जिसका नाम बांग्लादेश पड़ा |

Sheikh Hasina : अब आखिर बांग्लादेश का क्या होगा ?

Sheikh Hasina के बांग्लादेश छोड़ने के बाद वहां के सेना प्रमुख ने कहा कि हम अंतरिम सरकार बनायेंगे और स्थितियां सही करेंगे । अभी सेना का कंट्रोल हैं । वहा भड़के दंगो में बहुत लोग घायल हुए और मौते भी हुई । हालांकि ये पहली बार नहीं है जब Sheikh Hasina को देश छोड़ने में मजबूर होना पड़ा । इसके पहले भी ऐसा हो चुका हैं । आगे क्या होगा ये तो समय आने पर ही पता चलेगा ।

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