Nipah Virus : केरल के मलप्पुरम में एक 24 वर्षीय छात्र की Nipah Virus के कारण मौत ने राज्य में चिंता की लहर दौड़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को पुष्टि की , कि मृतक की जांच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे द्वारा निपाह वायरस के लिए पॉजिटिव पाई गई। यह वायरस अत्यंत घातक होता है, और इसका मृत्यु दर 75% तक हो सकता है।
Nipah Virus का इतिहास और प्रसार
निपाह वायरस पहली बार 1999 में मलेशिया में पहचाना गया था। इसके बाद, 2001 में भारत के सिलीगुरी में इसका पहला मामला सामने आया। केरल में, 2018, 2019, 2021 और 2023 में निपाह वायरस के प्रकोप की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। हाल ही में, 2024 में दो मामलों की पुष्टि हुई है, जिसमें एक छात्र की मृत्यु हो गई है।
निपाह वायरस के फैलने के तरीके
Nipah Virus फल खाने वाले चमगादड़ों से मनुष्यों में फैल सकता है। संक्रमित जानवरों, जैसे कि सूअर और चमगादड़ों, के रक्त, मूत्र, या लार से संपर्क करने के माध्यम से भी यह वायरस फैलता है। इसके अतिरिक्त, निपाह वायरस संक्रमित व्यक्तियों के शरीर के तरल पदार्थों जैसे कि खून, मूत्र या श्वास की बूंदों के माध्यम से भी फैल सकता है। कुछ मामलों में, लोगों को उन पेड़ों पर चढ़ने के दौरान संक्रमित होने का खतरा होता है जहां चमगादड़ अक्सर बसेरा करते हैं।
लक्षण और जटिलताएँ
Nipah Virus संक्रमण की शुरुआत में लक्षण सामान्य होते हैं, जैसे कि सिरदर्द, बुखार, उल्टी, गले में खराश, चक्कर, और दिमागी स्थिति में परिवर्तन। संक्रमण के 4 से 14 दिन बाद लक्षण प्रकट होते हैं। गंभीर मामलों में, मरीजों को मस्तिष्क की सूजन (एन्सेफलाइटिस) हो सकती है, जो कि न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का कारण बन सकती है। 20% मामलों में संक्रमण के बाद दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिकल परिणाम जैसे कि मांसपेशियों में ऐंठन और व्यक्तित्व में बदलाव देखे गए हैं।
सावधानियाँ और सुरक्षा उपाय
निपाह वायरस से बचाव के उपाय
Nipah Virus एक अत्यंत घातक और संक्रामक वायरस है, जिसे सही सावधानी और जागरूकता के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके फैलाव को रोकने और इसके प्रभावों से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. स्वच्छता बनाए रखें
- हाथ धोना: निपाह वायरस से बचने के लिए नियमित रूप से हाथ धोना बेहद महत्वपूर्ण है। विशेषकर, जब आप बीमार लोगों के संपर्क में हों या किसी संदिग्ध सामग्री को छूने के बाद।
- हाथ सैनिटाइज़र: साबुन और पानी की उपलब्धता न होने पर अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
2. संपर्क से बचाव
- संक्रमित व्यक्तियों से दूरी: निपाह वायरस से संक्रमित लोगों से सीधा संपर्क करने से बचें। अगर आपको संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करनी हो, तो व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का उपयोग करें।
- श्वास सुरक्षा: संक्रमित लोगों के निकट रहने से बचें और मास्क का उपयोग करें, खासकर अगर उन्हें श्वास संक्रमण के लक्षण हों।
3. खाद्य पदार्थों की सुरक्षा
- फलों की सफाई: ऐसे फलों को खाने से बचें जिन्हें चमगादड़ों द्वारा काटा गया हो या जो संक्रमित जानवरों के संपर्क में आए हों।
- स्वच्छता: सभी खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से धोएं और उबालें। विशेष रूप से उन पदार्थों से बचें जो चमगादड़ों की लार या मूत्र से संदूषित हो सकते हैं।
4. जानवरों से संपर्क
- चमगादड़ों से बचाव: जहां चमगादड़ों का बसेरा हो, वहाँ से दूर रहें और उनकी गुफाओं या रहने की जगहों से बचें।
- पशुओं की निगरानी: अगर आपके पास पालतू जानवर हैं, तो उनकी निगरानी रखें और किसी भी असामान्य व्यवहार को नजरअंदाज न करें।
5. स्वास्थ्य जांच और सतर्कता
- लक्षणों की पहचान: अगर आपको सिरदर्द, बुखार, उल्टी, या गले में खराश जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशों का पालन: अगर आप निपाह वायरस के संभावित प्रकोप वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएँ।
6. सार्वजनिक स्वास्थ्य सिफारिशें
- सूचित रहना: सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की सलाह और चेतावनियों पर ध्यान दें, और यदि कोई प्रकोप की स्थिति होती है तो स्थिति की जानकारी रखें।
- टीकाकरण और उपचार: वर्तमान में निपाह वायरस का कोई विशेष टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन शोध और विकास की निगरानी रखें और किसी भी नए उपचार या टीकाकरण की पेशकश का पालन करें।
7. सामाजिक दूरी और व्यक्तिगत सुरक्षा
- भीड़-भाड़ से बचें: संक्रमित क्षेत्रों में भीड़-भाड़ से बचें और सार्वजनिक स्थानों पर सतर्क रहें।
- स्वास्थ्य की जानकारी: अगर आप यात्रा कर रहे हैं, तो यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का पालन करें और यदि आप बीमार हैं, तो यात्रा से बचें।
इन सावधानियों को अपनाकर आप निपाह वायरस के फैलाव से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। सही समय पर कार्रवाई और सतर्कता इस घातक वायरस के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
Nipah Virus के फैलाव को रोकने के लिए अत्यधिक सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के साथ-साथ आम लोगों की जागरूकता और सावधानी इस गंभीर समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जब तक इस वायरस का इलाज या टीका उपलब्ध नहीं होता, सतर्क रहना और सही उपाय अपनाना ही इस खतरे से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।
केरल में स्थिति पर ध्यान रखना और सही समय पर कार्रवाई करना सभी के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
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