Mpox Clade 1: एक तेजी से फैलने वाला विषाणु और भारत में इसका प्रभाव

Mpox , जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स विषाणु के कारण होती है। इसमें दो मुख्य क्लेड हैं: क्लेड 1 (जिसमें उपक्लेड 1a और 1b शामिल हैं) और क्लेड 2 (जिसमें उपक्लेड 2a और 2b शामिल हैं)। हाल ही में, भारत में क्लेड 1b के मामले सामने आए हैं, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच चिंता बढ़ गई है।

क्लेड 1b क्या है?

क्लेड 1, जो कि सबसे घातक और संक्रामक है, पहली बार लोकतांत्रिक गणतंत्र कांगो के किमिटुगा नामक स्थान पर पाया गया था। यह विषाणु तेजी से पड़ोसी देशों जैसे रवांडा, केन्या और युगांडा में फैला। क्लेड 1b की संक्रमण दर अधिक है और इसकी मृत्यु दर लगभग 3% है, जबकि क्लेड 2 की मृत्यु दर 0.1% से भी कम है।

Mpox एक विषाणु जनित रोग है, जो पहले मुख्य रूप से अफ्रीकी देशों में पाया गया था। यह रोग किमान 1958 से ज्ञात है, लेकिन हाल के वर्षों में इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है। क्लेड 1B स्ट्रेन, जो वर्तमान में भारत में फैल रहा है, अधिक संक्रामक और उच्च मृत्यु दर से जुड़ा हुआ है।

Mpox के लक्षण

क्लेड 1b के लक्षण संक्रमण के एक से इक्कीस दिन बाद प्रकट होते हैं और आमतौर पर दो से चार हफ्तों तक चलते हैं। आम लक्षणों में शामिल हैं:

  • बुखार
  • गले में खराश
  • सूजी हुई लसीका ग्रंथियाँ
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • त्वचा पर चकत्ते
Mpox
Mpox

Mpox का फैलाव मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है। यह विषाणु त्वचा के घावों, श्वसन स्रावों, या संक्रमित वस्तुओं के माध्यम से फैल सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मंकीपॉक्स एयरबोर्न नहीं है, यानी यह हवा में नहीं फैलता, जैसे COVID-19।

भारत में स्थिति

भारत में पिछले कुछ समय से Mpox के मामलों में वृद्धि हुई है। हाल ही में, केरल के एक 38 वर्षीय व्यक्ति में क्लेड 1b की पुष्टि हुई है। इससे पहले, दिल्ली में क्लेड 2 का मामला सामने आया था। भारत सरकार ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

कौन है जोखिम में?

मंकीपॉक्स से प्रभावित होने का जोखिम अधिकतर उन लोगों में होता है जो सीधे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, जैसे कि:

  • स्वास्थ्य कार्यकर्ता
  • परिवार के सदस्य
  • वे लोग जो संक्रमित जानवरों के संपर्क में हैं

सुरक्षात्मक उपाय

  1. निगरानी बढ़ाना: सभी हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर तापमान जांच अनिवार्य की गई है।
  2. अस्पतालों की तैयारी: सभी राज्य-स्तरीय अस्पतालों को मामलों की पहचान और आइसोलेशन के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।
  3. जन जागरूकता: स्वास्थ्य अधिकारियों को यात्रा से लौटने वाले व्यक्तियों से संपर्क करने और लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार लेने की सलाह दी गई है।

Mpox Clade 1b एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है, विशेष रूप से तब जब यह तेजी से फैल रहा है। हालाँकि, भारत सरकार के उठाए गए कदम और जन जागरूकता के माध्यम से, इस वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने की उम्मीद की जा रही है। नागरिकों को सतर्क रहने और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

केरल स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी करने की योजना बनाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दे रहा है। भारत में मंकीपॉक्स का मामला एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी बरतने से हम इसके फैलाव को नियंत्रित कर सकते हैं। लोगों को चाहिए कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और संक्रमण के लक्षणों के प्रति सतर्क रहें। एकजुट होकर ही हम इस चुनौती का सामना कर सकते हैं।

इस प्रकार, Mpox एक ऐसा विषय है जिसे समझना और इसके बारे में जानकारी रखना अत्यंत आवश्यक है।

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