इंडिया की सबसे महंगी फिल्म Kalki 2898 AD फाइनली थिएटर्स में हो गई है रिलीज | बिना आपका टाइम वेस्ट किए सीधा मुद्दे की बात पे आते हैं | जब टिकट इतना महंगा है तो फिल्म क्या सच में थिएटर में देखने लायक है भी या फिर नहीं ? कहीं आदि पुरुष 2.0 वाला स्कैम वापस तो नहीं आया है |
Kalki 2898 AD एक्चुअली में कुछ और नहीं सिर्फ महाभारत का सीक्वल है | महाभारत में क्या हुआ था ? कौन जीता ? कौन हारा ? ये सारी चीजें आप पढ़ सकते हो ऑनलाइन ऑफलाइन कैसे भी | लेकिन यह कौन बताएगा महाभारत के बाद क्या भगवान कृष्ण तो धरती से चले गए तो फिर ये दुनिया चला कौन रहा है ? ठीक उसी जगह से अपनी ये फिल्म शुरू होती है अच्छाई v/s बुराई की लड़ाई एक बार फिर से हो रही है |
लेकिन टाइम 6000 साल आगे बढ़ गया है 2898 AD , बाकी तो आप इतना जानते ही होंगे , सफेद घोड़े पर बैठकर भगवान आएंगे जो असुर कली के सामने खड़े हो जाएंगे और उसी वक्त इस कलयुग के फाइनल चैप्टर लिखे जाएंगे |
इतना रिसर्च तो आप खुद से कर ही चुके होंगे बस सबसे बड़ा सवाल भैरवा है कौन ? कलकी है , कि नहीं | चिंता मत कीजिये सारे जवाब फिल्म में मिल जाएंगे | फिल्म के अंदर प्रभास का कैरेक्टर आप इस जन्म में गेस नहीं कर पाओगे |
Kalki 2898 AD के बारे में और जानते हैं-
पॉइंट नंबर 1 – अगर आप बाहुबली के फैन हो और उसी टाइप का सिनेमा दोबारा देखने की एक्सपेक्टेशन से थिएटर जा रहे हो , तो मत जाना | Kalki 2898 AD बाहुबली जैसी फिल्म बिल्कुल नहीं है | वो प्योर मास सिनेमा था | जबकि ये महाभारत है | नहीं समझे , बाहुबली में फिल्म के मेकर्स ने सब कुछ प्लेट पर सजा के दिया था | आपको जरा सा भी दिमाग नहीं लगाना पड़ा | जबकि Kalki 2898 AD एक स्मार्ट फिल्म है |
इसका एक सीन एक्चुअली में सीधा कनेक्टेड है बाकी चार-पांच अलग-अलग सींस के साथ कहानी जलेबी जैसी गोल-गोल है | महाभारत अगर पढ़ी है , या फिर उसके बारे में सुना है , तो जानते होगे एक-एक कैरेक्टर कितना जरूरी है कितना कन्फ्यूजिंग है | चेस का गेम बोल सकते हो | कहने का मतलब यह है कि कल की देखने जाओग तो दिमाग साथ में लेकर जाना पड़ेगा |
पॉइंट नंबर- 2 – थोड़ा सा और कड़वा लगेगा , प्रभास के सच्चे फैंस को | क्योंकि Kalki 2898 AD रियलिटी में प्रभास की फिल्म है ही नहीं | माफ़ कीजियेगा ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योकि , जिस फिल्म का लीड एक्टर पिक्चर में एंट्री करने के लिए 20 मिनट का लंबा इंतजार कराता है , और 3 घंटे की पूरी ड्यूरेशन में 1/3 भाग में भी फिल्म में दिखाई नहीं पड़ता है , अगर आप सिर्फ उसको सेलिब्रेट करने के लिए थिएटर्स जाना चाहते हो , तो सॉरी , ये किसी एक स्टार की फिल्म नहीं है ये उससे भी नेक्स्ट लेवल सिनेमा है |
पॉइंट नंबर- 3 तो सुन लो जिस फिल्म को इंडियन सिनेमा के लिए गेम चेंजर बोला जा रहा है एक्चुअली में उसका गेम चेंजर कोई और नहीं प्रभास खुद है | Kalki 2898 AD के 2 घंटे 50 मिनट एक साइड रख दो और लास्ट के 10 मिनट बिल्कुल अलग यहां पे उन सब लोगों को जवाब मिल जाएगा जो अक्सर पूछते हैं प्रभास को इतनी बड़ी-बड़ी फिल्म्स क्यों और कैसे मिल जाती हैं | इस फिल्म के क्लाइमैक्स में पूरी दुनिया एक साथ मिलकर भी गेस नहीं कर सकती ऐसा शॉकिंग ट्विस्ट डाला है | प्रभास का कैरेक्टर जिस तरीके से फिल्म के लास्ट 10 मिनट में ट्रांसफॉर्म होता है उसके लिए ₹10000 का टिकट खरीदना भी डिस्काउंट जैसा है |
पॉइंट नंबर – 4 जहां पैसा बचा सकते हो वहां पैसा बचा लेना चाहिए | 2d vs 3d इस फिल्म में ज्यादा कुछ इंपॉर्टेंट नहीं है | फिल्म के विजुअल इफेक्ट जबरदस्त है ये आप ट्रेलर में नोटिस कर चुके होंगे लेकिन 3d में ऐसा कुछ स्पेशल नहीं मिलेगा जो 2d के अंदर नहीं होगा | बड़े-बड़े सेट्स हैं फ्यूचर दुनिया दिखाने वाले डिजाइंस , और से तो आप Bujji The Car पहले ही मिल चुके होंगे |
पॉइंट नंबर – 5 -सबसे इंपॉर्टेंट नाग अश्विन के पास कहानी सुनाने के लिए बहुत कुछ है | डायरेक्ट माइथोलॉजी का खजाना खोल दिया इन्होंने | लेकिन कहानी सुनाने का तरीका थोड़ा सा कैजुअल है फिल्म में बहुत सारी जगह पे ऐसा लगेगा यह सीन खत्म क्यों नहीं हुआ अभी तक | इससे मेन कहानी पे ब्रेक और ऑडियंस भटक जाती है | फर्स्ट हाफ में तो पब्लिक को सिर्फ रेडी किया जाता है वर्ल्ड क्रिएशन करके रूल्स क्या है ? प्रेजेंट में क्या चल रहा है ? गंगा का पानी क्यों सूख गया ? वगैरह – वगैरह | लेकिन सेकंड हाफ आते ही नाग अश्विन स्विच हो जाते हैं नरेशन से सीधा प्रेजेंटेशन पे , एक्शन – एक्शन – एक्शन
पॉइंट नंबर- 6 – जिसको सुनते ही आपको कानों पे यकीन नहीं होगा पहली बार 10 सालों में प्रभास को इतना बुरी तरह पिटते देखा है ,और उनको पीट कौन रहा है 80 साल के अमिताभ बच्चन | बाप रे बाप क्या वॉर हुई , इन दोनों के बीच | फिल्म के अंदर आंखें , दिमाग सब कुछ बाहर आ जाएगा | भाई इतना क्रिएटिविटी के साथ आज तक किसी भी डायरेक्टर ने इस्तेमाल नहीं किया अमिताभ बच्चन का , जिनको न्यूक्लियर बॉम बना दिया Kalki 2898 AD के अंदर |
पॉइंट नंबर- 7 – छोटी-छोटी चीजों का इस्तेमाल किया है फ्यूचर को पास्ट से जोड़ने के लिए प्रेजेंट की कहानी में स्पेशली वो लोग जो महाभारत के साथ पहले से फैमिलियर हैं , वो अच्छे से नोटिस कर पाएंगे इस फिल्म में कहां पे क्या जोड़ा गया है | किस तरीके से भगवान कृष्ण का इस पूरी कहानी से क्या लेना देना है असुर कली जो कर रहा है वो क्यों कर रहा है ?
पॉइंट नंबर- 8 – फिर से कुछ लोगों को दुखी करने वाला है , क्योंकि शायद बाहुबली के बाद यह इकलौती ऐसी फिल्म होगी , जिसमें प्रभास को एक्सपोज किया गया है , हिंदी डबिंग कराके | प्रभास की डायलॉग डिलीवरी हिंदी में परफेक्ट है | सबसे बड़ा टेस्ट तो यही था प्रभास नॉर्मल हिंदी में स्ट्रगल करते हैं | कॉमेडी शेट जो भैरवा के कैरेक्टर की जान है वो फनी कैसे हो पाएगा | गुरु प्रभास ने पता नहीं ये कैसे किया | हिंदी में प्रभास ने सारे इमोशंस को परफेक्ट बैलेंस के साथ हर सीन में डिलीवर किया है ,एकदम क्वालिटी के साथ |
पॉइंट नंबर- 9 – जिसका सबको इंतजार था उसी टाइम से , जब ये फिल्म अनाउंस हुई थी | कैमियोस सरप्राइज , कौन-कौन छुपा हुआ एक्टर फिल्म के अंदर देखने को मिलेगा | देखो सीक्रेट्स बहुत सारे हैं काफी बड़े-बड़े फेवरेट एक्टर्स इंपॉर्टेंट रोल में नजर आएंगे | लेकिन दिक्कत यह है कि वो उतना इंपैक्ट नहीं डालते फिल्म की क्वालिटी में |
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पॉइंट नंबर-10 – “सुप्रीम यासकीन” जिनकी वजह से फिल्म का हाइप इतना ज्यादा मल्टीप्लाई कर गया था ट्रेलर आने के बाद | जानते हो कमल हसन सिंगल हैंडली जिम्मेदार होंगे इस फिल्म को देखने वाली ऑडियंस को दो सेक्शंस में डिवाइड करने के लिए | क्योंकि कुछ ऑडियंस है सोशल मीडिया में एक्टिव रहने वाली वो अपना होमवर्क करके थिएटर गई थी | इसलिए कहानी में क्या हुआ ? कैसे हुआ ? उनको आईडिया था | जबकि एक ऑडियंस है डायरेक्ट थिएटर में फिल्म को फर्स्ट टाइम एक्सपीरियंस करने वाली | वो सीधा आपसे आके पूछेगी भाई इसमें विलन कौन था ? कहां था ? क्या हुआ ?
बात स्टार्स की आती है तो पांच में से चार मिलने चाहिए | लेकिन वो क्लाइमैक्स वाला फाइनल सीक्वेंस भैया वहां तो 400 स्टार्स भी कम पड़ेंगे | स्पेशली जो ट्विस्ट डाला है नेगी बाबा ने , जबरदस्त यार महाभारत का ऐसा इस्तेमाल फिल्म के पार्ट टू को हाइप करने के लिए | डायरेक्टर के विजन को सलूट है |
फिल्म देखने जरूर जाओ , थिएटर्स में ही इसका असली मजा आएगा लेकिन फैमिली वालों को सिर्फ तब लेकर जाना जब उनको महाभारत में इंटरेस्ट आता हो , वरना यह तीन घंटे उनके लिए अवेंजर्स एंड गेम जैसे हो जाएंगे |