Ganesh Chaturthi भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी हिन्दू पंचांग के भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ती है। इस उत्सव की विशेषता भगवान गणेश की पूजा और उनकी मूर्तियों की स्थापना में निहित है, और यह 10 दिनों तक चलती है |
गणेश चतुर्थी की महत्वता
भगवान गणेश, जो कि समस्त विघ्नों के नाशक और समृद्धि के देवता माने जाते हैं, उनकी पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर लोग घरों और सार्वजनिक स्थानों पर गणेश की भव्य मूर्तियाँ स्थापित करते हैं और भक्ति भाव से पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन को विशेष रूप से नए कार्यों की शुरुआत और पुराने विघ्नों को समाप्त करने के लिए आदर्श माना जाता है।
Ganesh Chaturthi 2024 के लिए शुभ मुहूर्त :
गणेश चतुर्थी की तारीख: 7 सितंबर 2024 (शनिवार)
स्थापना का समय:
- प्रदोष काल: 07:00 AM से 09:30 AM तक
- मध्यान्ह काल: 11:00 AM से 01:30 PM तक
- अपराह्न काल: 04:00 PM से 06:00 PM तक
इन समयों के बीच गणेश मूर्ति की स्थापना करने से पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है। प्रदोष काल और मध्यान्ह काल को विशेष रूप से शुभ माना जाता है
Ganesh Chaturthi गणेश स्थापना की प्रक्रिया
- मूर्ति का चयन: गणेश चतुर्थी की तैयारियों के अंतर्गत सबसे पहले गणेश की मूर्ति का चयन किया जाता है। यह मूर्ति मिट्टी, लकड़ी, या अन्य सामग्री से बनी हो सकती है। आजकल प्लास्टिक और सिंथेटिक मूर्तियों का भी प्रचलन बढ़ा है, लेकिन पारंपरिक मिट्टी की मूर्तियों को पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है।
- स्थापना स्थल की सजावट: मूर्ति की स्थापना के लिए एक पवित्र स्थान का चयन किया जाता है, जिसे सजाया जाता है। इस स्थान को रंग-बिरंगे झंडों, फूलों, और दीपों से सजाया जाता है।
- मूर्ति की स्थापना: मूर्ति को पूजा स्थल पर विधिपूर्वक स्थापित किया जाता है। इसके बाद, गणेश की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे फूल, दीप, नैवेद्य (भोग), और अक्षत (चावल) तैयार किए जाते हैं।
- पूजा और आरती: मूर्ति की स्थापना के बाद, भगवान गणेश की पूजा की जाती है। पूजा में गणेश अष्टकश्लोक, गणेश सहस्त्रनाम, और गणेश आरती का पाठ किया जाता है। भक्त गणेश से अपने परिवार की समृद्धि और सुख-शांति की प्रार्थना करते हैं।
त्योहार के दौरान विशेष अनुष्ठान
Ganesh Chaturthi के दौरान विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। इन दस दिनों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम, भजन संध्या, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। गणेश उत्सव की रौनक को देखने के लिए शहरों और गांवों में भव्य पंडाल बनाए जाते हैं, जहां श्रद्धालु बड़े श्रद्धा भाव से अपनी पूजा अर्चना करते हैं।
विशेष प्रसाद
Ganesh Chaturthi पर विशेष प्रकार के प्रसाद तैयार किए जाते हैं, जैसे मोदक, लड्डू, और अन्य मिठाइयाँ। मोदक भगवान गणेश का प्रिय भोग है और इसे विशेष रूप से तैयार किया जाता है।
अंतिम दिन की विदाई
Ganesh Chaturthi के समापन पर गणेश विसर्जन की प्रक्रिया होती है। यह दिन गणेश चतुर्थी के दसवे दिन मनाया जाता है, जिसे ‘अनंत चतुर्दशी’ भी कहते हैं। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति को विधिपूर्वक नदी या तालाब में विसर्जित किया जाता है। विसर्जन के समय गणेश जी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनकी वापसी की प्रार्थना की जाती है।
Ganesh Chaturthi एक ऐसा पर्व है जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में भव्यता और उल्लास का संचार भी करता है। इस उत्सव के माध्यम से हम भगवान गणेश की भक्ति और उनके प्रति हमारी श्रद्धा को प्रकट करते हैं। गणेश चतुर्थी की इस विशेषता को समझते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि यह पर्व हमारे जीवन में नई उम्मीदों और खुशियों का संचार करता है।
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