Vikram Misri – 3 साल तक चीन में भारतीय राजदूत के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले Vikram Misri को भारत का अगला उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार या डिप्टी NSA नियुक्त किया गया है । वह पंकज सरन की जगह लेंगे , जो 31 दिसंबर तक इस पद पर बने रहेंगे । सरन रूस और बांग्लादेश में भारत के राजदूत रह चुके हैं | वही Vikram Misri ऐसे समय में चीन के राजदूत थे , जब भारत और चीन के बीच संबंध बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे थे |
भारत और चीन के बीच लद्दाख में नियंत्रण रेखा पर 19 महीना तक सीमा गतिरोध बना हुआ था , और अभी भी कुछ जगहों पर चीन और भारत के बीच डिस इंगेजमेंट प्रक्रिया को लेकर बातचीत चल रही है | Vikram Misri की जगह प्रदीप कुमार रावत को चीन में भारत का नया राजदूत बनाया गया है | वह भारतीय विदेश सेवा के 1990 बैच के अधिकारी हैं , और मंदारिन भाषा में पारंगत हैं |
Vikram Misri कौन हैं ?
श्रीनगर में पैदा हुए Vikram Misri भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के IFS अधिकारी है | सिंधिया स्कूल में पढ़ाई के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया | उनके पास MBA की डिग्री भी है | और सिविल सेवा में आने से पहले उन्होंने 3 साल तक एडवरटाइजिंग और ऐड फिल्म मेकिंग के क्षेत्र में भी काम किया था | साल 2019 में चीन का राजदूत बनाए जाने से पहले वह म्यांमार और स्पेन में भी भारत के राजदूत के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके थे चीन के राजपूत बनाए जाने के बाद साल 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच गंभीर झड़प हुई |
जिसमें दोनों ओर से कई जवानों की मौत हुई | इसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण रहे , इन तनावपूर्ण रिश्तों के दौरान इन्हें सामान्य करने के लिए Vikram Misri ने भी अहम भूमिका निभाई | दोनों देशों के बीच कई बार हुई महत्वपूर्ण बातचीत के दौरान इसका हिस्सा रहे | Vikram Misri 11 दिसंबर तक चीन में भारत के राजदूत थे | 6 दिसंबर को हुए उनके वर्चुअल विदाई कार्यक्रम के दौरान चीन के विदेश मंत्री ने भाग लिया था |
इस दौरान चीनी विदेश मंत्री के आगे Vikram Misri ने कहा था कि ” चुनौतियों के कारण भारत चीन संबंधों की बड़ी संभावनाओं को हार मिली है ” लद्दाख गतिरोध का जिक्र करते हुए Vikram Misri ने कहा था ,”हमारे संबंधों में संभावनाएं और चुनौतियां शामिल है, और यहां तक कि पिछले साल कुछ चुनौतियां सामने आई , जिसने रिश्तो में हमारी संभावनाओं को अपने कब्जे में ले लिया था | “
हालाँकि इसके बाद इन्होने उम्मीद जताते हुए कहा था – कि राजनीतिक , कूटनीतिक सैन्य स्तरों पर बातचीत के बाद दोनों पक्ष वर्तमान मुश्किलों को हल करने में सक्षम होंगे | और संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे ले जाएंगे | चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी वर्चुअल कार्यक्रम में दोनों देशों के संबंधों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए Vikram Misri की सराहना की थी | उन्होंने Vikram Misri को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा था की उम्मीद है कि वह आगे भी भारत – चीन संबंधों में योगदान देते रहेंगे |
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वांग यी की ये बात आखिर सच साबित हुई और अब Vikram Misri भारत के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाये गए हैं | वो भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के मार्फ़त काम करेंगे | इसके अलावा राजेंद्र खन्ना और दत्ता पंसालिगिकर दो अन्य उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है | ऐसा नहीं हैं मिसरी पहली बार केंद्र में अपनी सेवाएं देने के लिए लौट रहे हैं | 57 वर्षीय Vikram Misri इसके पहले तीन बार प्रधानमंत्री कार्यालय में काम कर चुके हैं | सबसे पहले इंद्र कुमार गुजराल फिर मनमोहन सिंह और फिर थोड़े समय तक वह वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम कर चुके हैं |
Vikram Misri अक्टूबर 2012 से लेकर मई 2014 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के निजी सचिव रहे | जबकि मई 2014 से जुलाई 2014 तक वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव रहे | वह नवंबर 1996 से लेकर अप्रैल 1997 तक तत्कालीन विदेश मंत्री आई.के. गुजराल के कार्यकाल में विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी के पद पर थे | बाद में जब गुजराल प्रधानमंत्री बने तो Vikram Misri अप्रैल 1997 से लेकर मार्च 1998 तक उनके निजी सचिव रहे |