Somwati Amawasya 2024: तारीख, पूजा विधि और उपाय

Somwati Amawasya हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष पर्व है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अमावस्या भाद्रपद मास में आती है और इस दिन पितृ दोष निवारण के लिए विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं। सोमवती अमावस्या तब होती है जब अमावस्या के दिन सोमवार पड़ता है। यह विशेष रूप से शुभ मानी जाती है, और इसे Somwati Amawasya भी कहा जाता है।

यह दिन विशेषकर सुहागन महिलाओं और उन कुंवारी कन्याओं के लिए महत्वपूर्ण होता है जिनका विवाह में विलंब हो रहा है। सोमवती अमावस्या पर विशेष पूजा, दान और व्रत करने से पितृ दोष दूर होता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

Somwati Amawasya 2024 की तारीख:

साल 2024 में सोमवती अमावस्या 2 सितंबर (सोमवार) को है। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 2 सितंबर को सुबह 5:22 बजे से होगा और समाप्ति 3 सितंबर को सुबह 7:22 बजे होगी। इस साल सोमती अमावस्या 2 सितंबर, 2024 (सोमवार) को है। यह दिन मघा नक्षत्र में पड़ेगा, जो इस पर्व को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।

Somwati Amawasya शुभ मुहूर्त:

  • स्नान और दान का समय: सुबह 4:29 से सुबह 5:15 बजे तक।
  • अभिजीत मुहूर्त: प्रातः काल 11:55 से दोपहर 12:46 बजे तक।

Somwati Amawasya पूजा विधि

Somwati Amawasya
Somwati Amawasya
  1. स्नान: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। यदि संभव हो तो गंगा स्नान करें, अन्यथा घर में गंगाजल डालकर स्नान करें।
  2. सूर्य पूजा: भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
  3. देव पूजा: शिव, पार्वती, विष्णु और पीपल के वृक्ष की पूजा करें। पीपल के वृक्ष को मीठा जल अर्पित करें और 108 बार कच्चा सूत लपेटकर उसकी परिक्रमा करें।
  4. 16 श्रृंगार: पूजा के दौरान 16 श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें, जैसे सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, बिछुआ आदि।
  5. धान और पान: पहली बार पूजा करने वाले 101 बार धान और पान का फेरा लगाएं।
  6. उद्वापन: पूजा के अंत में नमक की दो ढेलिया दान करें और समापन करें।

Somwati Amawasya उपाय और व्रत :

  1. सुहागन महिलाओं के लिए: Somwati Amawasya पर व्रत रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  2. शिवलिंग अभिषेक: इस दिन शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें।
  3. पीपल पूजन: पीपल के पेड़ पर 108 बार कच्चा सूत लपेटकर उसकी परिक्रमा करें, इससे हर मनोकामना पूरी होती है।
  4. श्रृंगार दान: पूजा के समय माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।

दान:

स्नान के बाद: स्नान के बाद वस्त्र, अन्न, और दक्षिणा दान करें। यदि आप नदी या जलाशय में स्नान कर रहे हैं, तो वहां उपस्थित याचकों को दान दें।

पीपल और तुलसी: यदि पीपल का वृक्ष दूर है, तो तुलसी के पौधे में पूजा करें और गाय का कच्चा दूध अर्पित करें।

उपाय:

  1. विवाह में विलंब: यदि विवाह में देरी हो रही है, तो Somwati Amawasya पर व्रत और पूजा करें।
  2. पितृ दोष: पितृ दोष निवारण के लिए विशेष पूजा और दान करें।
  3. स्वास्थ्य और सौभाग्य: व्रत और पूजा के बाद फलाहार करें, साधारण भोजन से परहेज करें।

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Somwati Amawasya हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो विशेषकर पितरों की शांति और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन खास ध्यान रखने वाली बातों की सूची तैयार की गई है ताकि आप इस दिन से संबंधित धार्मिक कर्मों को ठीक से निभा सकें और किसी भी प्रकार की अनहोनी से बच सकें।

  1. सूर्य देव को अर्घ्य न देना:
    • अमावस्या के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना न भूलें। सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्घ्य प्रदान करें, यह सौभाग्य और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होता है।
  2. सुनसान जगह पर न जाएं:
    • अमावस्या के दिन दिल कमजोर लोगों को सुनसान या निर्जन स्थान पर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि नकारात्मक शक्तियां उन्हें प्रभावित कर सकती हैं।
  3. श्रृंगार से संबंधित चीजें न खरीदें:
    • Somwati Amawasya के दिन श्रृंगार से संबंधित चीजें खरीदना वर्जित है। यह दिन पितरों की याद और शिव पूजा के लिए होता है, न कि श्रृंगार खरीदने के लिए।
  4. गाय, कुत्ता आदि को प्रताड़ित न करें:
    • गाय, कुत्ता आदि को प्रताड़ित करना पूरी तरह से वर्जित है, क्योंकि इन जीवों के माध्यम से पितरों को भोजन प्राप्त होता है। इनका सम्मान न करने से पितर नाराज हो सकते हैं।
  5. रंगीन वस्त्रों का दान न करें:
    • अमावस्या के दिन केवल सफेद रंग के वस्त्रों का दान करें। रंगीन वस्त्र दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
  6. तर्पण में कुश का उपयोग न करें:
    • तर्पण करते समय काले तिल और कुश का उपयोग करना अनिवार्य है। बिना कुश के तर्पण देने से जल पितरों तक नहीं पहुँच पाता है।
  7. शिव पूजा में कुछ वस्तुएं न चढ़ाएं:
    • शिव पूजा में तुलसी के पत्ते, शंख, सिंदूर, हल्दी, नारियल और केट के फूल का उपयोग न करें, क्योंकि ये वस्तुएं शिव पूजा के लिए वर्जित हैं।
  8. तामसिक भोजन न करें:
    • इस दिन मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन न करें। तामसिक भोजन से पितरों और ईश्वर का अपमान होता है और घर में धन हानि हो सकती है।
  9. लड़ाई झगड़े से बचें:
    • घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए पति-पत्नी के बीच किसी भी प्रकार की लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए। झगड़ा करने से आर्थिक स्थिति और सुख-शांति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  10. बाल और नाखून न काटें:
    • अमावस्या के दिन बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए, क्योंकि इससे धन हानि हो सकती है।
  11. कपड़े न धोएं:
    • इस दिन कपड़े धोना वर्जित है। खासकर साबुन का इस्तेमाल करने से आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है।
  12. सरसों के तेल का इस्तेमाल न करें:
    • सरसों का तेल किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से बचें। इसका उपयोग करने से धन हानि हो सकती है।
  13. बुजुर्गों का अपमान न करें:
    • Somwati Amawasya के दिन बुजुर्गों का अपमान न करें। ऐसा करने से घर की सुख-शांति नष्ट हो सकती है और कलह बढ़ सकती है।
  14. सुई का उपयोग न करें:
    • इस दिन कपड़े सिलने या कटाई-बुनाई करने से बचें। सुई के उपयोग से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसे व्रत अवधि में वर्जित माना जाता है।


Somwati Amawasya पर की गई पूजा और उपाय पितृ दोष से मुक्ति दिलाने, सौभाग्य और समृद्धि लाने में सहायक होते हैं। इस दिन धार्मिक कर्मों और पूजा विधियों का पालन कर आप जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

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