Japanese Encephalitis : क्या हैं ? लक्षण , बचाव और निदान

भारत में एक और वायरस बढ़ता जा रहा हैं Japanese Encephalitis , अभी कोरोनावायरस से दुनिया उभर भी नहीं पाई थी की अब एक और वाइरस ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है | लेकिन हमारे लिए चिंता की बात ये है की इसकी एंट्री भारत में भी हो गई है , इतना ही नहीं लगातार इसके मरीजों की संख्या बढ़ रही है | इसे आम तौर में दिमागी बुखार भी कहते हैं | यह इतना खतरनाक होता हैं कि मरीज की मृत्यु तक हो सकती हैं |

जापानी इंसेफेलाइटिस मच्छर जनित जूनोटिक वायरल बीमारी है, जो जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (जेईवी) के कारण होती है। यह बीमारी दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के 24 देशों में फ़ैल चुकी हैं | JE का मुख्य वाहक क्यूलेक्स ट्राइटेनियोरिंचस है, जो पूरे भारत में फैला हुआ है ।

Japanese Encephalitis का खतरा जाने क्या है ? इसके लक्षण और इलाज ?

Japanese Encephalitis
Japanese Encephalitis

दरअसल Japanese Encephalitis वायरस के मामले ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है , Japanese Encephalitis एक वायरस ब्रिंग इन्फेक्शन है जो मच्छर के काटने से फैलता है, इसकी चपेट में आने के बाद मरीज के ब्रेन में सूजन हो जाती है जिससे मरीज को भी खतरा बना रहता है , यही वजह है की इस वाइरस के संक्रमण का खतरा सभी उम्र के लोगों को हो सकता है | हर साल इसके कुल लगभग 68000 मामले सामने आते हैं | यह वायरस मच्छरों में तब आता है जब वो संक्रमित जानवरों को काटते हैं |

यह सबसे पहले जापान में आया था Japanese Encephalitis का पहला मामला साल 1871 में जापान में दर्ज किया गया था | इसीलिए इसे Japanese Encephalitis वायरस भी कहा जाता है | हालांकि इस वायरस का संक्रमण दर काफी कम है | लेकिन 30% तक मृत्यु दर हो सकती है |

उत्तर प्रदेश में Japanese Encephalitis के मरीज सबसे ज्यादा पाए जाते हैं | गोरखपुर में हर साल इसके मरीजों की संख्या काफी ज्यादा रहती हैं | जिसमे मरने वालो की संख्या भी काफी रहती हैं | लेकिन अब यह आसपास के क्षेत्र में भी फैलता जा रहा हैं | इसे आम बोल चाल की भाषा में दिमागी बुखार कहते हैं | हालाँकि इससे बचाव के लिए सरकार कई प्रोग्राम भी चला रही हैं | |

japanese encephalitis के लक्षण

Japanese Encephalitis के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं , और ज्यादातर मामलों में शुरुआत में इसका कोई लक्षण नजर नहीं आता है | इसके आम लक्षणों की बात करें तो इससे संक्रमित मरीज को बुखार , सिरदर्द , उल्टी , मानसिक स्थिति में बदलाव न्यूरोलॉजिकल लक्षण , कमजोरी मूवमेंट डिसऑर्डर जैसी समस्या नजर आ सकती है | Japanese Encephalitis का कोई इलाज नहीं है | संक्रमण के बाद दिखने वाले लक्षण के आधार पर डॉक्टर इलाज करते हैं और ऑब्जर्वेशन में रखते हैं |

Japanese Encephalitis से बचाव

इससे बचने के लिए सबसे पहले हमें अपने आस पास साफ सफाई रखना जरुरी हैं | ताकि जहरीले मच्छर ना पनप सके | क्योकि यह वायरस मच्छरों के काटने से फैलता हैं | तो मच्छरों से बचने के सभी उपाय करना चाहिए | बच्चो को फुल कपड़े पहनाये , मच्छरदानी का प्रयोग करे | अगर कोई बीमार हैं तो उसके संपर्क में ना आये | और अगर कोई भी लक्षण दिखते हैं तो तुरंत की डॉक्टर से संपर्क करे |

japanese encephalitis का इलाज

Japanese Encephalitis से बचाव ही इसका इलाज हैं | इसके लिए अभी तक कोई दवा नहीं हैं | हर साल इस बीमारी से काफी लोगो की मृत्यु भी हो जाती हैं | अभी तक इसकी कोई दवा नहीं बनी | अब बचाव हेतु वैक्सीन लगाई जा रही हैं | जिसे JE वैक्सीन के नाम से जाना जाता हैं | JE वैक्सीन का विशेष अभियान चला कर सरकार रोकथाम के उपाय कर रही हैं |

WHO के अनुसार : – जेई के सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, मानसिक भ्रम और प्रलाप शामिल हैं। तीव्र इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बीमारी की नैदानिक ​​प्रस्तुति है, जिसमें ऐंठन, संवेदी अंग में परिवर्तन, व्यवहार पैटर्न में परिवर्तन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जेई के लिए उपलब्ध निवारक विधि जेई वैक्सीन है; कोई विशिष्ट उपचार मौजूद नहीं है, लेकिन लक्षण के आधार पर केस प्रबंधन की सलाह दी जाती है। 

READ MORE – https://newzghar.com/mpox-monkey-pox-infection-who-guideline/

Leave a Comment

× Whatsapp